- tanu190593
Snakebite:Neglected Disease.Needs mainstreaming,cure, medication,antivenom facilities and awareness.
हम अपने आप में बहुत व्यस्त हैं कि आसपास हो रही चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं या तब तक प्रभावित नहीं होते जब तक कि व्यक्तिगत स्तर पे खुद के साथ ना हो।सर्पदंश को कभी भी भारत में बीमारी के नज़र से नहीं देखा गया है। इसलिए लोगो में इसकी गंभीरता भी नहीं है ।सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च (सीजीएचआर), कनाडा ने हाल ही में एक अध्ययन जारी किया, "भारत में सर्पदंश मृत्यु दर: एक राष्ट्रीयता प्रतिनिधि मृत्यु दर सर्वेक्षण।" इस अध्ययन में भारत में 2000 से 2019 तक 20 साल की अवधि में 1.2 मिलियन सर्पदंश से होने वाली मौतों की संख्या दर्ज की गई है। सालाना सर्पदंश से होने वाली औसतन 58000 मौतें हुईं। एक महीने में लगभग 4,767 और प्रति दिन 158 मौतें होती हैं। इस अध्ययन से भारत को काफी सजक और सावधान होने की जरूरत है।सर्पदंश एक जटिल और सबसे उपेक्षित समस्या रही है। कुछ विशेष कारण है जिससे सर्पदंश से मौत इन 20 सालो में बढ़ी है -
ग्रामीण क्षेत्रों में खराब स्वास्थ्य सुविधाएं।
विभिन्न कारणों से विलंबित उपचार।
स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के अपर्याप्त ज्ञान।
झोलाछाप पे विश्वास और इलाज।
एंटी-वेनम की अनुपल्धता।
कोल्ड स्टोरेज और परिवहन की समस्या।
महंगा इलाज।
क्या आपको नहीं लगता कि भारत को सर्पदंश को मुख्यधारा की बीमारियों में गिनना चाहिए। शायद हैरानी हो कि राज्य अस्पताल इस बीमारी का मुफ्त इलाज करते है पर यह भी सिर्फ नाम का है क्यूंकि मृत्यु डाटा देख के इन सुविधाओं पे काफी प्रश्न होंगे। की वाकई मुफ्त है? सर्पदंश का इलाज होता है कि भी नहीं? क्या राज्य के अस्पताल इस उष्णकटिबंधीय(tropical dieseas) बीमारी के इलाज के उपकरणों से सुसज्जित हैं? कितनी गंभीरता है सरकार और लोगो को सर्पदंश से होने वाली मृत्यु से? क्या सरकार ने कोई सजक कदम उठाए है अभी तक ? मुझे लगता है व्यक्तिगत तौर पे सर्पदंश को एक ध्यान देने योग्य बीमारी के तौर पे देखना चाहिए। जिससे हमें इस बीमारी से लड़ने की क्षमता होगी। इसके लिए हमें अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को इस बीमारी के तहत उपचार देने की जरूरत है। जैसे की-
तत्काल और सस्ता इलाज।
रणनीतिक रूप से राज्यों को वर्गीकृत करना।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना।
हॉटस्पॉट क्षेत्रों के पास एंटीवेनम बैंक।
इस उष्णकटिबंधीय बीमारी के बारे में एक अलग जागरूकता कार्यक्रम बनाना। (आशा, और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को शामिल करना।)
